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पुलिस हिरासत में रेवाड़ी पार्षद, डेढ़ साल पुरान केस, पूर्व कांग्रेसी मंत्री के हैं करीबी

 
Rewari parshad:रेवाड़ी वार्ड नंबर-11 से पार्षद और पूर्व कांग्रेस मंत्री कैप्टन अजय यादव के करीबी दलीप माटा को शुक्रवार सुबह मॉडल टाउन थाना पुलिस ने हिरासत में लिया है। पार्षद पर करोड़ों रुपए की दुकान को धोखाधड़ी से हड़पने के मामले में डेढ़ साल पहले FIR दर्ज हुई थी। 5 महीने पहले पुलिस टीम ने पार्षद के घर पर रेड भी की थी।

3 बार पार्षद रह चुके हैं माटा

पार्षद माटा को हरियाणा के पूर्व कांग्रेसी मंत्री कैप्टन अजय यादव का करीबी है। वहीं वह 3 बार पार्षद रह चुका है। आपको बता दें कि, शहर के टीपी स्कीम निवासी राकेश कुमार ने नवंबर 2022 में मॉडल टाउन थाना में 9 लोगों पर धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई थी। इसमें वार्ड नंबर-11 से पार्षद दलीप माटा भी नामजद है। FIR दर्ज होने के बाद पार्षद ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी लगाई, जिसे कोर्ट ने रिजेक्ट कर दिया था। हालांकि पार्षद का दावा है कि उन्हें कोर्ट और पुलिस से जमानत मिल चुकी थी।

दुकान हड़पने का आरोप

जमानत के बाद से ही पार्षद दलीप माटा फरार थे। उन पर एक दुकान से जुड़े फर्जी दस्तावेजों को आइडेंटिफाई करने के अलावा आरोपियों के पक्ष में हलफनामा देने का आरोप है। दरअसल, नई सब्जी मंडी की एक दुकान शिकायतकर्ता राकेश कुमार के पिता किशनलाल के नाम पर थी। किशनलाल की मौत के बाद राकेश और उसकी बहनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर प्लानिंग के तहत दुकान हड़प की गई। राकेश कुमार ने मॉडल थाना पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया।

5 महीने पहले घर पर की थी रेड

करीब 5 महीने इसी मामले में मॉडल टाउन थाना पुलिस की एक टीम ने पार्षद दलीप माटा के तेजपुरा स्थित घर पर रेड भी की थी। लेकिन उस वक्त दलीप माटा घर पर नहीं मिले थे। डेढ़ घंटे घर की तलाशी लेने के बाद पुलिस टीम वापस लौट गई थी। आज सुबह पुलिस की टीम एक बार फिर तेजपुरा स्थित दलीप माटा के घर पर पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया। माटा को मॉडल टाउन थाना में लाया गया है। पुलिस टीमें दलीप माटा से पूछताछ कर रही है।मॉडल टाउन थाना प्रभारी कृष्ण कुमार ने बताया कि 2022 में धोखाधड़ी की एक एफआईआर दर्ज हुई थी। इसी एफआईआर के मामले में कार्रवाई की गई है।

पार्षद बोले-मुझे जमानत मिल चुकी

पार्षद दलीप माटा ने खुद को हिरासत में लिए जाने के बाद कहा कि मेरे खिलाफ जो केस बनाया था। उसमें मेरी जमानत थाने से और कोर्ट से हो गई थी। दूसरी पार्टी वाला शिकायतें करता रहता है। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और ना कोई चिंता है। मुझे ये (पुलिस वाले) लेकर आएं है, कोई पूछताछ करनी है कर लेंगे। मुझे न्यायालय पर पूरा विश्वास है। मैं उस पर मानहानि का मुकदमा करना चाहता था, लेकिन अभी नहीं किया। जिस मुकदमें में मुझे शामिल किया गया है, उसमें मैंने सिर्फ एक कागजात को आइडेंटिफाई किया था। जो पार्टी मेरे पास एफीडेविट लेकर आई थी उसे आइडेंटिफाई किया है। मैंने कोई गलत काम नहीं किया।