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आज स्पीकर के सामने पेश होंगे रणजीत चौटाला: विधानसभा की सदस्यता पर होगा फैसला

 
Ranjeet singh choutala: हिसार लोकसभा से बीजेपी के प्रत्याशी रणजीत चौटाला के लिए आज का दिन काफी अहम है। हरियाणा में बीजेपी में शामिल होने के बाद निर्दलीय विधायक के तौर पर रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे पर आज फैसला होगा। वह आज स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता के सामने पेश होंगे। हरियाणा विधानसभा से 24 मार्च को इस्तीफा देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए बुलाया है। 78 साल के रणजीत चौटाला का इस्तीफा अभी भी मंजूर नहीं हुआ है। पिछले महीने उनके पार्टी में शामिल होने के बाद बीजेपी ने उन्हें हिसार लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया हैं।

सिरसा जिले की रानिया सीट से निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला ने 24 मार्च को हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को अपना इस्तीफा भेजा था। स्पीकर ने कहा है कि रणजीत चौटाला का इस्तीफा 24 मार्च को एक मैसेंजर के माध्यम से आया था, जो अभी कुछ तकनीकी कारणों से होल्ड किया है।

इसलिए मंजूर नहीं हुआ अभी तक इस्तीफा

हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने रणजीत चौटाला के इस्तीफे को लेकर हाल ही में एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि 'रणजीत सिंह चौटाला को 23 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा गया है। विधानसभा अध्यक्ष के रूप में, यह मेरी जिम्मेदारी है कि यदि कोई सदस्य विधानसभा से इस्तीफा देता है, तो यह सत्यापित करना हमारा काम है कि इस्तीफा किसी दबाव या मजबूरी में नहीं भेजा गया है।

हरियाणा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने क्या कहा?

स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा, 'एक बार वह व्यक्तिगत रूप से सामने आएंगे, तो चीजें स्पष्ट करेंगे और इसके बाद (विधायक के रूप में रणजीत चौटाला के इस्तीफे पर) कोई निर्णय लिया जाएगा। गुप्ता पंचकुला से बीजेपी विधायक हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या विधानसभा सदस्य के रूप में चौटाला का इस्तीफा उसी दिन स्वीकार कर लिया जाएगा, उन्होंने कहा, अगर हम संतुष्ट होते हैं तो इसे उसी दिन स्वीकार किया जा सकता हैं।

नायब सिंह सैनी सरकार में चौटाला बने बिजली मंत्री

हरियाणा में पिछले महीने जब बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था तो रणजीत चौटाला फिर से सैनी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार में बिजली मंत्री बन गए। रणजीत चौटाला और पूर्व कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल 24 मार्च को बीजेपी में शामिल हो गए थे। बीजेपी ने रणजीत चौटाला को हिसार और नवीन जिंदल को कुरूक्षेत्र लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है।

इसलिए इस्तीफा जरूरी

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने बताया कि बेशक विधानसभा स्पीकर द्वारा रणजीत चौटाला का विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र स्वीकार करने में एक महीने का लंबा समय लिया गया है, लेकिन अगर उन्हें दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत सदन की अयोग्यता से बचाना है, तो स्पीकर को रणजीत का विधायक पद त्यागपत्र 24 मार्च की पिछली तिथि से ही स्वीकार करना होगा। इस्तीफा उसी पिछली तारीख से ही प्रभावी होना चाहिए।