{"vars":{"id": "108013:4658"}}

हरियाणा में NHM कर्मचारियों की हड़ताल बनी आफत, स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा असर 

 

Yuva Haryana : हरियाणा में कई दिनों से हड़ताल पर चल रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों के कारण सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही है। 26 जुलाई से प्रदेश के करीब 16 हजार एनएचएम कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे है।   

ऐसे में अस्पतालों में मरीजों के इलाज, टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की प्रसूती जैसी सेवाओं पर खासा असर पड़ा है और लोगों को मजबूरी में प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ रहा है।

सरकार के दावों की खुली पोल
हड़ताल के बीच हरियाणा सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा प्रभावित नहीं होने का भी दावा किया जा रहा है, लेकिन हालात ये बने हुए है कि मरीजों को सरकारी एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो रही है।

पानीपत में एनएचएम की हड़ताल के कारण एक जच्चा बच्चा की मौत का मामला सामने आया है। दरअसल, सिवाह गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक जच्चा बच्चा को समय पर एंबुलेंस की सेवा नहीं मिल पाई।

40 मिनट तक एक शख्स अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर घूमता रहा, लेकिन उसे एंबुलेंस होने बावजूद चालक नहीं मिला। ऐसे में शख्स ई-रिक्शा में अपनी पत्नी को जिला सरकारी अस्पताल में लेकर पहुंचा, लेकिन तब तक जच्चा बच्चा की मौत हो गई थी। पीड़ित ने इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराया।

सरकार के आश्वासन से कर्मचारी  संतुष्ट नहीं 
एनएचएम के कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान हरियाणा सरकार और विभाग के उच्च अधिकारियों ने कर्मचारियों के साथ एक के बाद एक बैठकों के कई दौर किए, कुछ मांगों पर सरकार सहमत भी हुई लेकिन कर्मचारी अभी सरकार के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए है और उनकी हड़ताल जारी है।
एनएचएम कर्मचारी सांझा मोर्चा हरियाणा ने प्रदेश में चल रही हड़ताल को चार दिन और आगे बढ़ाने का भी ऐलान कर दिया है।  अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के एनएचएम कर्मचारी 26 से हड़ताल पर बैठे है।

कर्मचारियों की मांगे
- 25 वर्षों से सेवा करने और 2013-14 की पीआईपी के दिशा-निर्देशों अनुसार पॉलिसी बनाकर नियमित किया जाए
- नियमितिकरण की पॉलिसी न बनने तक सेवा सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा और एक्सग्रेसिया हरियाणा सिविल सर्विस रूल के अनुसार सेवाएं मिले
- नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर एनएचएम कर्मचारियों को भी कैशलेस मेडिक्लेम की सुविधा मिले
- एनएचएम कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर समय अवधि में बढ़ी हुई सीएल, ईएल व सीसीएल मिले

स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार की घेराबंदी  
हरियाणा में डॉक्टरों और कर्मचारियों की हो रही हड़तालों को लेकर सरकार को घेरते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है। इसी तरह अस्पतालों के निर्माण के कार्यों में सरकार देरी कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरियावास मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की नियुक्तियां नहीं हुई। 

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जींद मेडिकल में पिछले साल ओपीडी व्यवस्था शुरू करने की दिशा में कार्य शुरू हो गया था लेकिन अब तक मेडिकल स्टाफ की नियुक्तियां नहीं हुई। वहीं सिरसा मेडिकल कॉलेज का भी पूर्व गठबंधन सरकार ने टेंडर अलॉट कर दिया था लेकिन मौजूदा सरकार ने उसे रद्द कर दिया।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने पर ‘यू-टर्न भाजपा सरकार’ अड़चने डाल रही है। प्रदेश के कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे आयुष डॉक्टरों की नौकरी सुरक्षा और पक्की नौकरी में बैनिफिट्स देने में भेदभाव किया जा रहा है।

आपको बता दें कि हरियाणा में पिछले कई दिनों से सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर निरंतर हड़ताल कर रहे है। इससे पहले आयुष्मान भारत योजना का प्राइवेट अस्पतालों को बकाया न मिलने से निजी अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर रहे थे। वहीं  प्रदेश के चार हजार सरकारी डॉक्टरों ने भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की थी।