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महेंद्रगढ़ स्कूल बस हादसा: अनफिट स्कूली बसों पर सख्त ट्रैफिक पुलिस, संचालकों की बढ़ी परेशानी

 

School bus accident: महेंद्रगढ़ में स्कूल बस हादसे के बाद ट्रैफिक पुलिस की ओर से लगातार स्कूली बसों की जांच की जा रही है। ऐसे में बिना परमिट और फिटनेस प्रमाण-पत्र के चलने वाली निजी स्कूल बसों के खिलाफ कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है।

लगातार काटा जा रहा है स्कूली बसों का चलान

नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (NISA) की ओर से अपने सदस्यों से सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करने और उन्हें मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी करने की योजना बनाने का आह्वान किया है। स्कूल संचालकों ने कहा कि वे बसों की जांच के कदम के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन स्थिति ने घबराहट पैदा कर दी है और चालान जारी करने से मामला हल नहीं होगा।

गड्ढा मुक्त और आवारा पशु मुक्त सड़कों की मांग

NISA की ओर से कहा गया है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि निजी स्कूलों की बसों को राजनीतिक रैलियों के लिए नहीं भेजा जाएगा। नियमानुसार स्कूल बसें अपने रूट से आगे नहीं जा सकतीं, लेकिन फिर भी स्कूलों पर दबाव पड़ता हैं, इससे बसें खराब होकर लौटती हैं। सरकार को दुर्घटनाओं से बचने के लिए गड्ढा मुक्त और आवारा पशु मुक्त सड़कें भी प्रदान करनी चाहिए।

अभिभावकों पर पड़ेगा वित्तीय बोझ

नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (NISA) के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि सरकार चालान जारी कर रही है, लेकिन यह एक अल्पकालिक समाधान है। स्कूलों पर लगाए जा रहे जुर्माने से अंततः छात्रों के माता-पिता पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा। हालांकि सुरक्षित स्कूल वाहन नीति मौजूद है, हमने भविष्य में ऐसी किसी भी घटना से बचने के लिए एक एसओपी तैयार करने और सदस्यों से इसका पालन करने के लिए कहने का फैसला किया है।

स्कूलों को समर्पित परिवहन प्रबंधक नियुक्त करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा जाएगा कि बसें सर्वोत्तम स्थिति में हों और ड्राइवर और कंडक्टर अपनी नौकरी के लिए उपयुक्त हों।

ड्राइवरों-कंडक्टरों के लिए चलाएंगे स्पेशल प्रोग्राम

हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सुरेश चंदर ने कहा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद सरकार की ओर से ऐसी प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी। हम इस कदम के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन स्थिति से घबराहट पैदा हो गई है। स्कूल भी छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। हमने ड्राइवरों और कंडक्टरों को प्रेरित करने के लिए कुछ कार्यक्रम चलाने का फैसला किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे बच्चों के साथ व्यक्तिगत रूप से जुड़ाव महसूस करें ताकि वे अतिरिक्त देखभाल के साथ बसें चला सकें।