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 BJP के लिए साख का सवाल बनी करनाल लोकसभा सीट, जीत के लिए हर कोशिश कर रहें CM सैनी

 
Karnal loksabha: करनाल लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए काफी अहम हो चुका है। पूर्व सीएम मनोहर लाल के लोकसभा उम्मीदवार बनने के बाद यहां से बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। ऐसे में मौजूदा सीएम की ओर से भी पूरे जोर शोर के साथ जीत की रणनीति बनाई जा रही है।

प्रचार करने की रणनीति बनाई गई

नायब सैनी इसके लिए रूठे भाजपा नेताओं को मनाने में जुट गए हैं। सोमवार को CM सैनी ने पानीपत की पूर्व विधायक रोहिता रेवड़ी और उनके पति सुरेंद्र रेवड़ी से चंडीगढ़ में मुलाकात की। यह मुलाकात गुपचुप तरीके से हुई, जिसकी फोटो भी एक दिन बाद जारी की गई है। इस मीटिंग में तय हुआ है कि रोहिता रेवड़ी लोकसभा चुनाव में करनाल सीट से लोकसभा प्रत्याशी खट्‌टर के लिए प्रचार करेंगी।

करनाल सीट बनी साख का सवाल

इसके बाद पानीपत के राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई। क्योंकि, 2014 के विधानसभा चुनावों में प्रदेश में सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत लेने वाली विधायक रोहिता की 2019 के चुनावों में टिकट काट दी गई थी। इसके बाद से वह और उनका परिवार बिल्कुल साइलेंट था। मनोहर लाल खट्‌टर के इस्तीफे के बाद नायब सैनी हरियाणा के CM बने हैं। यह भी चर्चा है कि नायब सैनी के लिए खट्‌टर ने ही पहले प्रदेश अध्यक्ष और फिर मुख्यमंत्री बनाने की पैरवी की थी। अचानक CM की कुर्सी से हटाने के बाद खट्‌टर को लोकसभा टिकट देने से भाजपा की साख भी करनाल में दांव पर लगी है।

वोट प्रतिशत में सबसे ऊपर थीं रोहिता रेवड़ी

पानीपत शहरी सीट पर शाह परिवार का हमेशा से ही दबदबा रहा है। रोहिता रेवड़ी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में पहले ही झटके में इस परिवार का किला भेद दिया। रेवड़ी ने यहां से 68 प्रतिशत वोट लिए। वह प्रदेश में प्रतिशत वोट में सबसे ऊपर रहीं। शाह परिवार की तरफ से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे वीरेंद्र सिंह बुल्ले शाह को हार का सामना करना पड़ा।

रोहिता रेवड़ी नगर निगम चुनाव में शहर की राजनीति में आईं। उन्होंने 2013 में वार्ड-9 से चुनाव लड़ा। उनमें वह 10,400 वोट से जीतीं। यह उनकी उस वक्त देश की सबसे बड़ी जीत रही। वह 2014 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की राजनीति में आईं। वह अपने पहले ही चुनाव में जीतकर विधानसभा में पहुंची।

2009 में कांग्रेस के शाह ने बीजेपी को हराया

2009 के चुनाव में शहरी सीट पर शाह परिवार की लहर थी। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बलबीर पाल शाह कांग्रेस का चेहरा थे। उन्होंने 36,294 वोट लेकर अपनी जीत बनाए रखी। भाजपा के संजय भाटिया (सांसद करनाल) को 24,135 वोट मिले थे। वह 12,159 वोटों से हार गए थे।