Haryana : चुनावी मौसम में आरक्षण के मुद्दे गर्म, अब बीसीए वर्ग के लिए उठी यह बड़ी मांग
Yuva Haryana : हरियाणा के चुनावी मौसम में आरक्षण के मुद्दे जोर पकड़ रहे है। भाजपा सरकार जहां नौकरियों में बीसी को 5 प्रतिशत आरक्षण देने, पंचायतों-निकायों में बीसीबी को आरक्षण देने की तैयारी कर रही है तो वहीं अब लोकसभा और विधानसभा में भी बीसी-ए वर्ग को आरक्षण देने की मांग भी उठ चुकी है।
रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने लोकसभा में कहा कि बीसी-ए वर्ग के लिए भी एससी-एसटी की तर्ज पर उनकी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए परिसीमन के पहले जातिगत जनगणना करानी बेहद जरूरी है।
दीपेंद्र ने कहा कि जातिगत जनगणना के आधार पर ही बीसीए वर्ग की जनसंख्या के अनुपाति में सीटें आरक्षित की जा सकेंगी।
हुड्डा ने कहा कि लोकसभा, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए होने वाले परिसीमन के बाद सामाजिक और राजनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए आरक्षण दिया जाना जरूरी है।
आपको बता दें कि कुम्हार प्रजापति समाज, विश्वकर्मा समाज, जांगड़ा समाज, पांचाल समाज, धीमान समाज, सुथार समाज; स्वर्णकार सोनी समाज, जोगी समाज, धोबी समाज, कश्यप समाज, पाल गड़रिया समाज, तेली समाज, कम्बोज समाज आदि अनेक समाज बीसीए के अंतर्गत आते हैं।
ऐसे में चुनावी समय में इन वर्ग के वोट बैंक को साधने के लिए सत्ता और विपक्ष दोनों लगे हुए।