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Haryana congress: हरियाणाकांग्रेस की बढ़ती मुश्किलें, लोकसभा चुनाव के लिए बड़े चेहरों की तलाश, क्यों पीछे हटे बड़े नेता?

 

Haryana congress: हरियाणा कांग्रेस की बढ़ती मुश्किलें, लोकसभा चुनाव के लिए बड़े चेहरों की तलाश, क्यों पीछे हटे बड़े नेता ?

Haryana congress:हरियाणा लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस हाईकमान की चिंता बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी के बड़े नेताओं ने अपनी राय हाईकमान को दे दी है।

इलेक्शन लड़ने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू

अब हाईकमान के निर्देश पर प्रदेश में इलेक्शन लड़ने के लिए बड़े चेहरे के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की जा रही है। सबसे अहम बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के साथ कुमारी सैलजा भी लोकसभा चुनाव लड़ने से किनारा कर चुकी हैं। दोनों नेताओं ने हाईकमान से भी अपनी इच्छा जाहिर कर दी है। पार्टी सूत्रों की माने तो पार्टी के दूसरे बड़े नेताओं ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। ऐसे में पार्टी अब नए चेहरों की तलाश कर रही है।

लोकसभा की 10 सीटों के लिए 10 चेहरों की तलाश

हरियाणा में 10 लोकसभा सीटें हैं, इन सभी सीटों पर सूबे की सत्ता में काबिज भाजपा का कब्जा है। 2019 में हुए आम चुनाव में 10 साल तक CM रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत में और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक से चुनाव हार गए थे।

इनके अलावा कांग्रेस की दिग्गज नेता कुमारी सैलजा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव, चौधरी निर्मल सिंह, पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई, किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी और पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना लोकसभा चुनाव हार गए थे।

दीपेंद्र सिंह हुड्डा और अरविंद शर्मा के बीच रोहतक में कांटे की टक्कर आखिर तक चली, लेकिन आखिर में दीपेंद्र की 7503 मतों के अंतर से हार घोषित कर दी गई थी।

क्यों बड़े नेताओं ने बनाई दूरी ?

हरियाणा कांग्रेस में बड़े नेताओं की दूरी की 3 बड़ी वजह हैं। पहली वजह यह है कि हरियाणा में BJP 10 सालों से सत्ता में है। इस कारण से एंटी-इनकंबेंसी यानी सत्ता-विरोधी लहर है, इसका फायदा लोकसभा के बजाय पार्टी को विधानसभा में मिलने की उम्मीद है। दूसरी बड़ी वजह यह है कि इस बार फिर लोकसभा में मोदी मैजिक चलने के आसार हैं।

इसकी बड़ी वजह यह है कि हाल ही में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में 3 राज्यों में भाजपा को जीत मिली है। इन चुनावों में PM मोदी चुनाव नहीं लड़े, लेकिन इसके बाद भी भाजपा को जीत मिली। लोकसभा का चुनाव भाजपा मोदी फेस पर ही लड़ने जा रही है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में विपरीत स्थितियां हो सकती हैं।

उम्मीदवार सर्च करने की प्रक्रिया

पार्टी की ओर से चुनाव लड़ने के इच्छुक आवेदन फॉर्म पार्टी कार्यालय में 30 जनवरी से बांटे जाएंगे। 9 दिन के बाद यानी 7 फरवरी को आवेदन जमा करने की लास्ट डेट रखी गई है। प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने के इच्छुक पार्टी नेता लास्ट डेट को शाम 5 बजे तक अपना आवेदन पत्र प्रदेश कांग्रेस कार्यालय चंडीगढ़ में जमा करवा सकते हैं ताकि प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया शुरू की जा सके।

पार्टी उपयुक्त उम्मीदवार का चयन करेगी

हरियाणा में कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने इसके पीछे दलील देते हुए कहा कि चुनाव में बेहतर परिणाम के लिए पार्टी उपयुक्त उम्मीदवार का चयन करेगी। कांग्रेस पार्टी द्वारा आगामी चुनाव में सक्षम उम्मीदवारों के चयन में मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने और व्यापक फीडबैक लेने की व्यवस्था की जा रही है।