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कुलदीप बिश्नोई को मनाने दिल्ली पहुंचे हरियाणा के CM: हिसार से नहीं मिला टिकट तो प्रचार से बनाई थी दूरी

 

Kuldeep bishnoi: पिछले काफी दिनों से बीजेपी से नाराज चल रहे कुलदीप बिश्नोई को मनाने के लिए खुद हरियाणा के सीएम नायब सैनी दिल्पली हुंचे। CM गुरुवार को दिल्ली स्थित बिश्नोई हाउस पहुंचे। इस मौके पर उनके बेटे और आदमपुर से बीजेपी विधायक भव्य बिश्नोई भी मौजूद रहे।

टिकट न मिलने से नाराज थे कुलदीप बिश्नोई

कुलदीप बिश्नोई हिसार सीट से भाजपा की टिकट के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन उनकी जगह पर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने निर्दलीय विधायक और नायब सैनी सरकार के कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला को टिकट दे दी है। इसके बाद कुलदीप-भव्य ने न केवल भाजपा उम्मीदवार से दूरी बना ली बल्कि कुलदीप ने सोशल मीडिया पर यह भी लिखा कि वे कांग्रेस में नहीं जा रहे हैं। इससे उनके पार्टी छोड़ने के संकेत सामने आने लगे।

नाराजगी जाहिर कर चुके हैं कुलदीप

रणजीत सिंह चौटाला की टिकट फाइनल होने के तुरंत बाद ही भव्य बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर लिखा-'' राजनीति में आपकी लोकप्रियता ही अकसर आपकी सबसे बड़ी कमजोरी साबित होती हैं।''। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने एक वीडियो जारी कर नाराजगी जाहिर की। हालांकि कुलदीप बिश्नोई ने टिकट न मिलने से समर्थकों के मायूस होने की बात कही लेकिन असल में यह उनकी मायूसी नजर आई।

जिसके बाद कुलदीप बिश्नोई भाजपा उम्मीदवार रणजीत चौटाला के दफ्तर के उद्घाटन में नहीं पहुंचे। वहीं भव्य के प्रचार के लिए भाजपा ने शेड्यूल जारी किया था लेकिन उन्होंने भी प्रचार से इनकार कर दिया रणजीत चौटाला के प्रचार से दूरी बना दोनों पिता-पुत्र घर बैठे हुए हैं।

2011 में हुई भाजपा में एंट्री

वर्ष 2011 में कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस के साथ भाजपा ने हरियाणा में गठबंधन कर लिया। दोनों पार्टियों के बीच 45-45 के फॉर्मूले पर समझौता हुआ, जिसके तहत हजकां को विधानसभा की 45 और लोकसभा की 2 सीटें दी जानी थी, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद कुलदीप बिश्नोई अपने हिस्से की दोनों सीटें (हिसार और सिरसा) हार गए।

2016 में हजपा का भाजपा में हुआ विलय

विधानसभा चुनाव आने तक भाजपा ने हजकां के साथ पुराने समझौते के तहत चुनाव लड़ने से मना कर दिया। भाजपा ने हजकां को 25 सीटें और कुलदीप बिश्नोई को डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव दिया। कुलदीप बिश्नोई ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा के साथ 3 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया। 2014 में भाजपा प्रदेश में पूर्ण बहुमत से आ गई। 2016 में कुलदीप ने हजकां का विलय कांग्रेस में कर लिया। इसके बाद 2022 में कुलदीप ने कांग्रेस में मनमुटाव होने के बाद भाजपा जॉइन कर ली।