हरियाणा में पूर्व मंत्री, CPS और पीए को बड़ी राहत, CBI कोर्ट ने 12 साल बाद किया बरी
हरियाणा के करनाल के बहुचर्चित कंबोपूरा गांव के पूर्व सरपंच कर्म सिंह के सुसाइड केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है. कम्बोपुरा सरपंच आत्महत्या मामले में कोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय ओपी जैन, जिले राम शर्मा और राजेंद्र शर्मा को बरी कर दिया है. मामले में 12 साल बाद फैसला हुआ है.
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2012 में सीबीआई कोर्ट में केस चल रहा था. कंबोपुरा गांव के पूर्व सरपंच कर्म सिंह की मौत के मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व विधायक जिले राम शर्मा और मंत्री के पीए राजेंद्र शर्मा को आरोपी बनाया था.
पूर्व मंत्री ओपी जैन का निधन हो चुका है. पूर्व मुख्य संसदीय सचिव जिले राम शर्मा और ओपी जैन के पीए राजेंद्र शर्मा को अब बरी किया गया है.
पूर्व सरपंच कर्म सिंह के बेटे राजेंद्र ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने क्लर्क के पद पर भर्ती करवाने के लिए 5 लाख और कंडक्टर भर्ती करवाने के लिए ₹6 लाख लिए थे. लेकिन बाद में ना तो नौकरी लगवाई और ना ही पैसे वापस दिए गए.
इस मामले में नाम आने से ओपी जैन और जिले राम शर्मा ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. करीब 14 साल बाद इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला आया है.
उल्लेखनीय है कि ओपी जैन, ज़िले राम शर्मा और ओपी जैन के पीए राजेंद्र शर्मा पर पूर्व सरपंच को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाए थे. आरोप है कि कंबोपुरा के सरपंच पूर्व कर्म सिंह ने नौकरी लगवाने के लिए उन्हें पैसे दिए थे.
करनाल के असन्ध से कांग्रेस के पूर्व विधायक ज़िले राम शर्मा ने कहा कि उन पर राजनीति से प्रेरित आरोप लगे थे. मामले में बरी होने के बाद पूर्व विधायक ज़िले राम शर्मा ने बताया कि उन्हें करीब 14 साल बाद कोर्ट से इंसाफ मिला है और अब फिर से आने वाले चुनाव लड़ेंगे. ज़िले राम शर्मा ने कहा कि आरोप लगने के 2 दिन में ही उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. उन पर राजनीति से प्रेरित झूठे आरोप लगाए गए थे और कोर्ट में उन्हें इंसाफ मिला है.