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हरियाणा कांग्रेस के टिकट बंटवारे पर अनिल विज का कटाक्ष: कहा- सब्जी मंडी की तरह लगा रहे मोल-भाव

 
Anil vij: लोकसभा टिकट बंटवारे को लेकर हरियाणा कांग्रेस में मची उथल पुथल पर अब विरोधियों ने भी हाथ सेंकने शुरू कर दिए है। हरियाणा के पूर्व मंत्री अनिल विज ने कहा कि कांग्रेसी सब्जी मंडी की तरह मोल-भाव लग रहे है।  जो ज्यादा देगा उसे टिकट मिल जाएगी।

कांग्रेस में कुछ धड़े है जो आपस में भिड़ते रहते हैं।

विज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास कोई संगठन नहीं है और कुछ धड़े है जो आपस में भिड़ते रहते हैं। टिकट देने की प्रक्रिया एक पूरी प्रक्रिया होती है। हमारे भाजपा में पन्ना प्रमुख से लेकर वार्ड प्रधान, लोकसभा प्रधान, स्टेट प्रधान पूरा ढांचा बना हुआ है।

कांग्रेस में बोलिया लग रही है

कांग्रेस को कोई ढांचा नहीं और जैसे सब्जी मंडी में सब्जी का भाव लगता है उसी तरह कांग्रेस में बोलिया लग रही है जो ज्यादा मोल-भाव कर देगा उसे टिकट मिल जाएगी, इसलिए कांग्रेस को टिकट देने में देर लग रही है। वे मंगलवार शाम को अंबाला लोकसभा प्रत्याशी बंतो काटरिया के समर्थन में विजय संकल्प रैली के पश्चात पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

मैं सड़क पर बैठकर राजनीति करता हूं

हरियाणा में ओपनियन पोल पर पूर्व मंत्री अनिल विज ने कहा कि हम भी अध्ययन करते है और वह सड़क पर बैठकर राजनीति करते हैं और जनता के बीच बैठता हूं और जनता का भाव जानता हूं। भाजपा सांसद हेमा मालिनी पर विवादित टिप्पणी पर रणदीप सुरजेवाला को चुनाव आयोग के नोटिस पर पूर्व मंत्री अनिल विज ने कहा कि इस प्रकार की बातें करना गलत है और वह सभी को कहना चाहेंगे कि हमारी पार्टियां अलग-अलग हो सकती है, मगर हम सभी इस देश के निवासी है।

हमें मर्यादा में रहकर प्रचार करना चाहिए और ऐसा नहीं करना चाहिए कि भविष्य में हम इकट्ठे बैठ न सके। महाभारत एवं रामायण में युद्ध भी मर्यादा में हुए। इसलिए चुनावी युद्ध में भी मर्यादा न छोड़ी जाए। सभी पार्टियों के पास अपने-अपने शासन काल का बताने के लिए बहुत कुछ है और जनता तुलनात्मक अध्ययन करके वोट डाल देगी। उन्हें पूर्ण यकीन है कि तुलनात्मक अध्ययन के बाद जनता का फैसला हमारे हक में होगा।

कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए

किसानों के विरोध पर पूर्व मंत्री अनिल विज ने कहा कि हमारे देश में प्रजातंत्र है और प्रजातंत्र में मतदान से कोई बड़ी बात नहीं की जा सकती। किसान व अन्य सभी अपना प्रचार कर सकते हैं, मगर किसी भी हालत में हमें कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। किसान अपना प्रचार करो और हम अपना प्रचार कर रहे हैं। फैसला जनता ने करना है और जनता ने जो फैसला करना है वह समय नजदीक है। इसलिए प्रचार में रोकने वाली बात सही नहीं है।