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 अफवाहों का अभिनेता संजय दत्त ने किया खंडन: करनाल से नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

 

Sanjay dut: करनाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलों पर बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त ने विराम लगा दिया है। संजय दत्त ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली है।

संजय दत्त ने अफवाहों पर लगाया विराम

संजय दत्त ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट डालकर लिखा- मैं राजनीति में शामिल होने की सभी अफवाहों पर विराम लगाना चाहता हूं। मैं किसी पार्टी में शामिल नहीं हो रहा हूं या चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। अगर मैं राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखने का फैसला करता हूं तो मैं इसकी घोषणा करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा। कृपया अभी तक मेरे बारे में खबरों में जो चल रहा है उस पर विश्वास करने से बचें।

कांग्रेस हाईकमान ने की थी संजय दत्त के नाम पर चर्चा

पहले चर्चा शुरू हुई थी करनाल लोकसभा सीट पर पूर्व CM मनोहर लाल खट्‌टर के खिलाफ कांग्रेस बॉलीवुड स्टार संजय दत्त को उतार सकती है। कांग्रेस हाईकमान ने संजय दत्त का नाम पैनल में शामिल किया है। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की मीटिंग में सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे तथा केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में करनाल सीट पर संजय दत्त के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन अब संजय दत्त ने इसे अफवाह बताया है।

कांग्रेस पैनल में इन नेताओं के नाम

कांग्रेस के पैनल में करनाल से पूर्व विधानसभा स्पीकर कुलदीप शर्मा के बेटे चाणक्य शर्मा, पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा, कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर के नाम बताए जाते हैं, जिन पर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अभी सहमत नहीं है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की नजर में करनाल लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल बेहद मजबूत स्थिति में हैं। ऐसे में उनके सामने नामचीन उम्मीदवार उतारने पर विचार किया जा रहा है।

ब्राह्मण हैं संजय दत्त

संजय दत्त ब्राह्मण हैं और उनकी माता नरगिस मुस्लिम थी। बाद में उन्होंने हिंदू धर्म को अपना लिया था। नरगिस की मजार यमुनानगर के मंडौली गांव में बनी हुई है, जहां संजय दत्त और उनकी बहन प्रिया दत्त का परिवार समय-समय पर आता रहता है। उनके चाचा का परिवार आज भी यमुनानगर के गांव मंडौली में रहता है, जो कि उत्तर प्रदेश के सहारनपुर की सीमा से सटा है। संजय दत्त के पिता सुनील दत्त का जन्म झेलम वेस्ट पंजाब (पाकिस्तान) में 1929 में हुआ था और बंटवारे के बाद उनका परिवार यमुनानगर के मंडौली गांव में आकर बस गया था।