नारनौल में एक परिवार की अनोखी पहल: धूमधाम से निकाला गया लड़की का बनवारा, नाचे परिजन
Narnaul banwara: नारनौल में बेटियों के प्रति सोच बदलने के लिए एक परिवार ने अनोखी पहल की। जिसका समाज ने भी समर्थन किया। शादी से पहले लड़की को घोड़ी पर बैठा कर उसका बनवारा निकाला गया। इस दौरान महिलाओं ने डीजे पर जमकर डांस किया। पूरे गांव को भोज कराया गया।
ल़ड़की के पिता के दोस्त ने दिया बनवारा
बनवारा लड़की के पिता के दोस्त की ओर से दिया गया, जो कि नगर परिषद में क्लर्क है। यहां पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और मेरी बेटी मेरा अभिमान नारे को साकार किया गया। नारनौल के नजदीक लगते गांव लगते टहला में रहने वाले दुकानदार सतीश कुमार की बेटी पिंकी की 27 अप्रैल को शादी है। पिंकी ग्रेजुएट है। उसकी बारात राजस्थान के खेतड़ी कस्बे के बबाई गांव से आएगी। फिलहाल परिवार में शादी की रस्में निभाई जा रही हैं। गांव का ही रहने वाला दूसरा सतीश नगर परिषद में क्लर्क है। वह दुकानदार सतीश का दोस्त है। क्लर्क सतीश ने अपने दोस्त की बेटी की शादी पर बीती रात बड़े ही धूमधड़ाके से बनवारा दिया।
घोड़ी पर बैठाई गई लड़की
सतीश ने लड़की की शादी से पूर्व नई मिसाल कायम की है। बनवारा में लड़की पिंकी को घोड़ी पर बैठाकर धूमधड़ाके के साथ पूरे गांव में घुमाया गया। बल्कि बनवारा से पूर्व पूरे गांव को सहभोज भी दिया गया। पूरे गांव के ग्रामीणों ने इसमें भाग लिया। बनवारे पर परिवार के लोगों एवं महिलाओं ने डीजे पर जमकर डांस भी किया।
27 अप्रैल को है शादी
सतीश कुमार ने बताया कि उनके गांव में लड़की की शादी पर इस तरह का आयोजन पहली बार हुआ है। इससे पहले घोड़ी पर बैठा कर बनवारा निकालने की परंपरा केवल लड़कों की शादी में ही निभाई जाती थी। क्लर्क सतीश ने कहा कि आज बेटी किसी भी तरह से बेटों से पीछे नहीं हैं। फिर उनका बनवारा क्यों नहीं निकल सकता। सतीश कुमार एक बेटा व बेटी का पिता है। उसकी बेटी की शादी 27 अप्रैल को है। बेटा मयंक अभी छोटा है और वह 8वीं में पढ़ रहा है।